परहित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहीं अधमाई।। मां सावित्री देवी फुले के सेवा भाव से प्रेरित होकर आज पूरे देश में कैंसर पीड़ितों के लिए संजीवनी का कार्य करने वाली सेवाभावी संस्था का संकल्प है कि आप सभी स्वास्थ बने अगर हम स्वास्थ होंगे तभी समृद्ध होंगे हमारे देश में एक कहावत प्रचलित है कि पहला सुख निरोगी काया स्वास्थ्य शारीरिक मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है प्रत्येक व्यक्ति प्रथम पंक्ति में आना चाहता है चाहे वह विद्यालय हो या जीवनशैली हम स्वास्थ होते हैं तो जीवन के पहलुओं पर और बेहतर ढंग से काम कर पाते हैं इसलिए स्वास्थ रहें सजग रहें और समाज को भी जागरूक करें।